नाइट्रोजन (Nitrogen) Nutrient full notes in hindi

नाइट्रोजन  (Nitrogen)

  • अवशोशित रूप – नाइट्रेट (NO3) व अमोनियम (NH4)

नाइट्रोजन के कार्य :-

  • यह वानस्पतिक वृद्धि में सहायक होता है।
  • प्रोटीन तथा अमिनो अम्ल के निर्माण मे सहायक होता है।
  • प्रोटीन मे नाइट्रोजन N-16% होती है।
  • यह क्लोरोफिल तना पोरफायरिंग के निर्माण में सहायता करता है।
  • यह चारे वाली फसलो तथा सब्जियों में गुणवत्ता तथा रसीलापन बढाता है।

नाइट्रोजन की कमी के लक्षण :-

  • N की कमी के लक्षण सर्वप्रथम पुरानी पत्तियों पर दिखाई देते है।
  • पुरानी पत्तियाँ पीली पड जाती है।
  • खाद्यान्न फसलो मे “V” आकार का पीलापन।

नाइट्रोजन की कमी से होने वाले विकार:-

  • फूल गोभी मे – बटनिग
  • फसलों में – स्टारवेशन रोग (भूखमरी)

नाइट्रोजन की अधिकता से होने वाले विकार –

  • होलों हर्ट – आलू
  • होलो स्टेम – फूल गोभी
  • Note  :- फूल गोभी में होलो स्टेम (8) पोषक तत्व की कर्मी के कारण भी होता है।

नाइट्रोजन की अधिकता के फसलों पर प्रभाव :-

  • अधिक वानस्पतिक वृद्धि के कारण पौधे तेज हवाओ मे गिरने लग जाते है। जिसे क्रोप लोजिग कहते है।
  • कीटों तथा रोगों, का प्रकोप अधिक बढ जाता है।
  • कार्बनिक पदार्थो का प्रथम चरण अमीनोफीकेशन तथा अंतिम चरण नाइट्रीफिकेशन होता है।

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