बाजरा pearlmitlet
- वानस्पतिक नाम – पेन्निसेटम ग्लूकम (पेनिसेटम टाइफोडिस)
- कुल – ग्रेमीनी
- उत्पति स्थान – अफ्रीका
- गुणसूत्र – 2n=14
- अंकुरण – हाइपोजियल
- पुष्पक्रम – सिलेन्ड्रीकल पेनिकल
- परागण – परपरागण (प्रोटोगायनी)
- फल – केरियोप्सिस
- तना – कलम
- प्रोटीन – 11.5%
- वसा – 5%
- खनिज पदार्थ – 2.4%
- मोटरसेल बाजरे मे पाई जाती है।
बाजरा (pearlmitlet) जलवायु – मृदा –
- C4 पादप, SDP पादप, खरीफ ऋतु का पौधा
बाजरा (pearlmitlet) बीजदर –
- 4-5 kg/hac
- अन्तराल 40-45 x 10-12 cm
- बीज की गहराई- 1.5-2cm (jet)
- 2 – 3 cm (ICAR)
जैव उर्वरक –
- एजेटोबेक्टर
बाजरा pearlmitlet खरपतवार प्रबन्धन –
- एट्राजिन (PE)-0.5 kg/hec
बाजरा (pearlmitlet) किस्मै –
HB -। -प्रथम संकर किस्म (1965)
HHB – 67. पूसामोती, WCC-75, राज – 171,
बाजरा (pearlmitlet) रोग –
1. अरगट – कवक – कलेवीसेप्स पयुजीफोरियम – क्लेविसेप्सफ्यूजीफोर्मिस
बीजों मे अरगोटीन रसायन का निर्माण हो जाता हैं
- पुष्पक्रम से गोंद जैसा चिपचिपा पदार्थ आता हैं जो अरगोटिन के कारण अधिक जहरीला होता हैं।
बीजोपचार -20% नमक के घोल से बीजोपचार।
2. हरितबाली / जोग्या रोग (Green ear )- कवक – स्कलेरोस्पोरा ग्रेमीनीकोला
- इस रोग से ग्रसित पौधे का पुष्पक्रम पत्तिनुमा सरंचना मे बदल जाता है।
- कीट – तना छेदक – मक्का के समान
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