मृदा उर्वरता और उत्पादकता Soil Fertility and Productivity

मृदा उर्वरता और उत्पादकता Soil Fertility and Productivity

मृदा उर्वरता – 
यह मृदा की वह पैतृक क्षमता है जो की पौधे को उपयुक्त मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध करवायें उसे मृदा उर्वरता कहा जाता है
  • मृदा उर्वरता को प्रयोगशाला में ज्ञात किया जाता है।
  • इसका इकाई N P K की मात्रा Kg/hac होती है।

मृदा उर्वरता को प्रमावित करने वाले कारक –

  • प्राकृतिक कारक
  • कृत्रिम कारक
 
प्राकृतिक कारक –
  • पैतृक पदार्थ – अम्लीय मृदा का निर्माण – ग्रेनाइट से। क्षारीय मृदाओं का निर्माण – बेसाल्ट से।
  • मृदा आयु – आयु बढने पर उर्वरता कम हो जाती है।
  • मृदा प्रोफाइल (परिच्छेदिका) में गहराई बढने पर मृदा की उर्वरता कम हो जाती है।
  • स्थलाकृति
  • जलवायु
  • मृदा की भौतिक दशा।

कृत्रिम कारक-

  • कार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होने पर उर्वरक शक्ति अधिक होती है।
  • सूक्ष्मजीव ।
  • जलक्रान्ति तथा जल निकास।
  • जुताई।
  • फसल चक्र – दलहनी फसलो को फसल चक्र में लेने पर उर्वरता बढती है।
  • मृदा क्षरण।
1.निम्न मे से कौनसे प्राकृतिक कारक मृदा उर्वरत्ता को प्रभावित करते है।
(अ) पैतृक पदार्थ  (ब) स्थलाकृति
(स) मृदा क्षरण     (द)अ और ब दोनों
2.निम्न में से कौनसे कृत्रिम कारक मृदा उर्वरता को प्रभावित करते है।
(अ) पैत्तक पदार्थ (ब) स्थलाकृति
(स) मर्दा वायु       (द) फसल चक्र

मृदा उत्पादकता :-

मृदा उत्पादकता का अभिप्राय उसकी प्रति हैक्टेयर पैदावार देने की क्षमता से है। मृदा उत्पादकता को उपज का मूल्य रू प्रति हैक्टेयर या उपज किलोग्राम प्रति हैक्टेयर अथवा उपज क्विटल या टन प्रति हैक्टेयर मे मापा जाता है।

मृदा उत्पादकता को प्रमावित करने वाले कारक-

  • बाजार की माँग।
  • मृदा की उर्वरता।
  • बाजार की स्थिति।
  • संशाधनों की उपलब्धता।
1. निम्न में से कौन सा कारक मृदा उत्पादकता को प्रभावित करते है।
(अ) बाजार की माँग (ब) मृदा की उर्वरता
(स) संशाधन          (द) उपयुक्त सभी
 
सभी उत्पादक मृदाएँ उर्वर होती है। लेकिन सभी उर्वर मृदाएँ उत्पादक हो एसा आवश्यक नहीं है।

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