सोयाबीन Soyabean
- वानस्पतिक नाम -ग्लाईसीन मैक्स
- कुल -लेग्यूमिनेसी
- उत्पत्ति स्थान -चीन
- गुणसूत्र की संख्या -2n=40
- अकुरण का प्रकार-ईपीजियल
- पुष्पक्रम-रेसिम
- फल का प्रकार-पोड
- परागण का प्रकार -स्वपरागण
- प्रोटीन ओर तेल का अनुपात -2:1
- सोयाबीन में प्रोटीन-40 %
- सोयाबीन में तेल-20 %
- सोयाबीन में लाइसीन एमिनो अम्ल (5%) की अधिकता होती है।
- इसे बोनलेस मीट व वन्डर क्रॉप के नाम से जानी जाती है ।
- यह future of oil seed मानी जाती है।
- सोयाबीन की दाल नही खायी जाती है, क्योकि इसमे लाइपोक्सिडेज एनजाएम उपस्थित होता है इसलिए इसका पाचन नहीं हो पाता है।
- सोयाबीन से सोया दुग्ध, सोया पनीर, वानस्पतिक घी तथा बटर बनाया जाता है।
- सोयाबीन से बेबी फूड बनाये जाते है।
- एक किग्रा सोयाबीन के बीजों से 6 -7 लीटर दूध प्राप्त होता है।
- जडो की गहराई – 60 – 90 cm (पानी की कमी वाले क्षेत्रो में)
जलवायु ओर मृदा:-
C3 पादप, खरीफ ऋतु का पौधा और SDP पौधा
Soyabean की बीजदर :-
- 70 -90 किग्रा / hac (icar ) सामान्य बीजदर
- 75-90 किग्रा /hac (jet ) छोटे व बडे दोनों के लिए
- 40 -45 किग्रा / hac मध्यम दानो के लिए
- अन्तराल -40 x 5-10 cm
- बीज की गहराई – 3 —4 cm
Soyabean की किस्में :-
ली, अहिल्य , बर्ग, गोरव, शिलाजीत।
JS -9503, JS -9560 (सबसे कम समय में पकने वाली),JS -335, JS-9505
कीट :-
- गर्डल बीटल तथा टोबेको केटरपिलर कीट
सोयाबीन के रोग :-
- चारकोल रोट (राइज़ोक्टोनिया बटाटिकोला )
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