tobacco
- वानस्पतिक नाम – निकोटियाना स्पी
- कुल – सोलेनेसी
- उत्पति स्थान – मैक्सिको (मध्य अमेरिका)
- गूणसूत्र – 2n=48
- अंकुरण – इपिजिएल
टोपिंग :-
- शीर्ष भाग को हटाने की क्रिया टोपिंग कहलाती है।
उदेश्य :-
- शीर्ष भाग तथा पोषक तत्व का शीर्ष भाग से नीचे के भाग में स्थानान्तरण करना।
डी सकरिंग:-
- तम्बाकू में अवाछित शाखाओं का हटाने की क्रिया को डी सकरिग कहा जाता है।
- तम्बाकू में टोपिंग करने के बाद डीसकरिंग करना अनिवार्य होता है।
प्राइमिंग :-
- नीचे से परिपक्व पत्तियों को हटाना, प्राइमिग कहलाता है।
क्यूरिग :-
- तम्बाकू या उसकी पत्तियो को सुखाने की क्रिया को क्युरिग कहा जाता है।
- तम्बाकू मे क्यूरिग निम्न प्रकार की विधियों से किया जाता है।
- फल्यु क्युरिंग (ध्रुमनाल) – सिगरेट में
- सन क्युरिंग – बीडी में
- एयर क्युरिंग – रेपीग तम्बाकू में
- फायर क्युरिग – चबाने वाली तम्बाकू मे
- तम्बाकू जलने के बाद उसकी राख का रग – सफेद
- तम्बाकू के बीजो का अंकुरण प्रकाश की उपस्थिति (लाल प्रकाश) में अधिक होता है इसलिए इसे फोटोब्लास्टिक कहा जात्ता है।
- तम्बाकू में निकोटिन का निर्माण जडों मे होता है तथा सचय पतियों में होता है।
- तम्बाकू में निकोटिन पत्तियों में पाई जाती है
- 1gm तम्बाकू के बीजों मे 11000 -12000 बीज होते है।
- तम्बाकू के एक फल मे 8000 बीज होते है।
- तम्बाकू की मुख्यतः दो प्रजातियॉ होती है।
- देशी तम्बाकू (निकोटियाना टेबेकम) – निकोटिन की मात्रा -0.5-5 %
- विलायती / कलकत्ता तम्बाकू (निकोटियाना रूस्टिका) – निकोटिन की मात्रा – 35-8, :%
विभिन्न तम्बाकू में निकोटिन की मात्रा
- सिगरेट – 1-2 %
- चबाने वाली -2-3%
- बीडी – 5-7 %
- हुक्का -6-8%
तम्बाकू tobacco में जलवायु और मृदा :-
- रबी की फसल, C3 पौधा DNP पौधा
- अंकुरण के लिए उत्तम तापमान – 20 -25 सेंटीग्रेड
- निकोटीन के निर्माण के लिए उत्तम तापमान – 15 -20 सेंटीग्रेड
- तम्बाकू की फसल की लवणीय ओर क्षारीय मृदाओ में बुआई नहीं की जाती है। क्योकि क्लोरीन की अधिकता से तम्बाकू की गुणवता खराब हो जाती है
तम्बाकू tobacco में बीजदर :-
- सामान्य – 2 -3kg /h
- इसकी नर्सरी बनाई जाती है।
- इसके पौधों को 6-8 सप्ताह बाद खेत में स्थानान्तरित करते है।
रेबिंग :-
- नर्सरी के दौरान तापीय उपचार दिया जाता है, जिससे आर्द्गलन रोग का प्रकोप कम हो जाता है।
- बुआई का समय – अक्टूम्बर
- नर्सरी का समय – सितम्बर
- खाद एवं उर्वरक – इसमे क्लोरीन युक्त उर्वरको का उपयोग नहीं किया जाता है, इसलिए इसमे k2so4 उर्वरक उत्तम माना जाता है।
FCV (फल्यू क्योरड वर्जीनिया तम्बाकू ) मे अधिक नाइट्रोजन का उपयोग नहीं करते है, (सिगरेट में)।
नोट : तम्बाकू में क्लोरिन युक्त पानी से सिचाई नहीं करनी चाहिए।
क्रान्तिक सान्द्रता- 40 PPM
तम्बाकू tobacco की किस्मे :-
- भाग्य श्री, लंका स्पेशल, भवानी स्पेशल, हेमा कंचन,
- बीडी की किस्मे (आनन्द से विकसित) आनन्द-2 ,119
फ्लोपिंग :-
- यह तम्बाकू से सम्बन्धित है।
- अधिक पानी मरने के बाद तेज प्रकाश होने से विल्टिग (मुरझान) हो जाती है।
तम्बाकू tobacco के रोग :-
- आर्द्र गलन – कवक – पिथियम ऑफनीडर्मेटम |
- उपचार – रेबींग किया जाता है।
- TMV (टोबेको मोजेक वायरस) – वाहक – सफेद मक्खी
- यह सबसे पहला खोजा गया वायरस जनित रोग है।
तम्बाकू tobacco के कीट :-
- सफेद मक्खी
- तम्बाकू केटर पिलर
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