कपासcotton crop :-
- वानस्पतिक नाम – गॉसीपीयम स्पीशीज
- कुल – मालवेसी
- उत्पत्ति स्थान – भारत
- गुणसूत्र – 26 ओर 52
- पुष्पक्रम – स्कवेयर
- फल – बॉल या कैप्सूल
- परागण – ऑफन क्रॉस पॉलीनेशन (हनी बी के दवारा)
- अंकुरण – इपिजिएल
- जहरीला रसायन – गोसीपोल
- सफेद सोना – कपास
- तेल की मात्रा – 15 -25%
- कपास भारत की सबसे पहली व्यवसायिक फसल है।
- कपास के रेशो में सर्वाधिक सेल्युलोज पाया जाता है।
- ( सेल्युलोज – 90 %, लिग्निन – 0.5 )
- भारत की वस्त्र नगरी महाराष्ट्र को कहा जाता है।
- राजस्थान की वस्त्र नगरी भीलवाडा को कहा जाता है।
- गॉसीपियम हिरसुटम का सबसे अधिक क्षेत्रफल में लगाया जाता हैं।
- गॉसीपियम बारबेडेन्स का सबसे महीन या पतला रेशा होता है।
- सीड कॉटन (SC)-सीड + लिन्ट ( रेशा )
- कॉटन सीड (SC)-सीड (बीज)
- कपास के बीज को बिनौला कहा जाता है।
- कपास में जिनिंग %- 33 %
- कपास के रेशे को लिन्ट कहा जाता है ।
- लिन्ट – कपास के लम्बे रेशे ।
- फज – कपास के छोटे रेशे।
- सिमपोडियल शाखाऐं – फल और पुष्पन वाली शाखाओं को सीमपोडियल शाखाएँ कहा जाता है।
- मोनोपोडियल शाखाऐं – वृद्धि वाली शाखाऐ।
- डीलिंटिंग -कपास की बुआई से पूर्व रेशे को हटाने की क्रिया डीलीन्टीग कहलाती है ।
डीलिंटिंग में काम आने वाले रसायन :-
- H2SO4 और ZnCl2
- H2SO4 (सल्फ्यूरिक अम्ल) : बीज (1:10)
- बीज तथा सल्फ्यूरिक अम्ल को आपस मे मिलाकर 1 -2 मिनट तक रखकर बाद में पानी से धो दिया जाता है ।
- गोबर + मृदा को मिलाकर डीलिन्टिंग किया जा सकता है।
डीलिंटिंग के लाभ :-
- बुआई में आसानी हो जाती है ।
- उपर की कठोर परत टूटने से अंकुरण अधिक होता है।
- रोग ओर कीट का प्रकोप कम हो जाता है।
रेशे की मोटाई
वर्ग | लम्बाई |
बहुत पतला रेशा | <3 um |
पतला रेशा | 3-3.9 um |
मध्यम रेशा | 4- 4.9 um |
मोटा रेशा | 5 -5.9 um |
बहुत मोटा रेशा | >6 um |
रेशे की लम्बाई
वर्ग | मोटाई |
बहुत छोटा रेशा | <20.5 mm |
छोटा रेशा | 21 -245 mm |
मध्यम रेशा | 25 – 274mm |
बड़ा रेशा | 275-325 mm |
बहुत बड़ा रेशा | >325 mm |
- माइकोनायर – रेशे की महीनता ज्ञात करने में।
- एरीलोमीटर – रेशे की परिपक्वता ज्ञात करने मे।
- फाइब्रोग्राफ – रेशे की लम्बाई ज्ञात करने में।
कपास cotton की जलवायु और मृदा :-
- खरीफ की फसल, C3 पौधा, SDP/ DNP (Intermediate SDP)
बॉल खुलते समय तापमान – 25°C - वृद्धि के लिए उपयुक्त तापमान – 21 – 27 °C
- काली मृदा उपयुक्त मानी जाती है।
तीरक रोग,बेड बॉल ओपनिंग –
- यह कपास से सम्बन्धित है प्रो. दास्तुर के अनुसार यह नमी के असंतुलन के कारण होता है।
कपासcotton में बीजदर :-
- देशी कपास – 15-25 kg/ha 15-18 kg/ha
- अमेरिकन कपास – 10-18 kg/ha 12-15 kg/ha
- सकर कपास की बीजदर -2.5-3kg/ha
- Bt – कपास की बीजदर – 1-1.5kg/ha
- RST-9 किस्म के लिए बीजदर -20—25kg/ha
- पौधो की संख्या – 50,000 -80,000
- संकर कपास – 30,000
- Bt-कपास — 10,000
टर्मीनेटर तकनीकी – कपास से सम्बंधित है।
सेटलाईन बुआई विधि :-
- यह कपास से सम्बन्धित है। इसके अन्तर्गत कपास की फसल में मूँगफली की फसल ली जाती है।
लाभ
- खरपतवार नियन्त्रण
- पोषक तत्व तथा पानी का अच्छे से उपयोग हो जाता है।
कपास cotton में सिंचाई प्रबन्धन :-
(i) डोडे वाली शाखा बनते समय
(ii) फूल (स्क्वार) बनते समय
(iii) फल (बॉल) बनते समय
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