Agriculture supervisor paper 2018

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agriculture supervisor

agriculture supervisor paper 2018 with answer key pdf

परीक्षा का नाम एवं कोड : कृषि पर्यवेक्षक सीधी भर्ती परीक्षा – 2018, 49. परीक्षा की दिनांक : 03.03.2019. अन्तिम उत्तर कुंजी. प्रश्न की क्रम. संख्या. सही उत्तर का. विकल्प संख्या. प्रश्न की क्रम

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सामान्य हिंदी

  • शब्दों का संधि विच्छेद|
  • उपसर्ग एवं प्रत्यय|
  • समस्त पद की रचना करना|,
  • समस्त पद का विग्रह करना|
  • शब्द युग्मो का अर्थ भेद|
  • पर्यायवाची शब्द और विलोम शब्द|
  • शब्द शुद्धि|
  • वाक्य शुद्धि|
  • वाक्यांश के लिए एक उपयुक्त शब्द|
  • पारिभाषिक शब्दावली|
  • मुहावरे – सार्थक प्रयोग अपेक्षित है|
  • लोकोक्ति – सार्थक प्रयोग अध्यक्ष है

राजस्थान का सामान्य ज्ञानइतिहास एवं संस्कृति

  • भगवान की भौगोलिक संरचना|
  • राजस्थान का इतिहास सभ्यताएं- (प्रमुख, व्यक्तित्व)|
  • स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान का योगदान एवं राजस्थान का एकीकरण क्या है|
  • कृषि, पशुपालन क्रियाओ की राजस्थानी शब्दावली और विभिन्न राजस्थानी बोलियां|
  • व्यावसायिक शब्दावली एवं कृषि पशुपालन|
  • प्रमुख संत एवं संप्रदाय – लोक देवी देवता|
  • प्रमुख लोक पर्व, मेले – पशु मेले, त्योहार|
  • राजस्थान लोकगीत एवं नृत्य, राजस्थानी लोक कथा, मुहावरे, लोकनाट्य, लोक वाद एवं कठपुतली कला, कहावतें, फड़|
  • विभिन्न जातियां एवं जन जातीय|
  • स्त्री – पुरुष के वस्त्र एवं आभूषण ज्ञान
  • चित्रकारी एवं हस्त शिल्प कला
  • स्थापत्य – हवेलियां, छतरियाँ, दुर्ग, महल, तालाब, मंदिर – मस्जिद आदि|
  • संस्कार एवं विधि रिवाज
  • ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल, धार्मिक

शस्य विज्ञान

  • राज्य में कृषि उद्यान की एवं पशुधन का परिदृश्य एवं महत्व| कृषि एवं कृषि सांख्यिकी का सामान्य ज्ञान| राजस्थान की भौगोलिक स्थिति| राजस्थान की कृषि एवं उद्यान की उत्पादन में मुख्य बधायें बढ़ाए | राजस्थान के जलवायुवीय खंड मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता|
  • पौधों के लिए आवश्यक पोषक पोषक तत्व, राजस्थान में मृदाओं का प्रकार, मृदा क्षरण, जल एवं मृदा संरक्षण के तरीके, उपलब्ध एवं स्तोत्र, जीवांश खादों का महत्व, प्रकार एवं बनाने की विधि|
  • विधियाँ – सिंचाई की आवश्यकता|
  • समय एवं मंत्रा |
  • जल निकास एवं इसका महत्व,
  • जल निकास की विधियां|
  • फवारा, बूंद बूंद, रेनगन आदि |
  • खरपतवार – खरपतवारों के नुकसान, विशेषताएं, खरपतवार नियंत्रण की विधि, खरपतवारों की राजस्थानी भाषा में शब्दावली|
  • आनाज वाली फैसले – ज्वार, बाजार, धन, गेहूं, मक्का एवं जौ|
  • दालें – उड़द, मसूर, मूंग, चावला, चना एवं मटर|
  • तिलहनी फसलें – सरसों, अलसी, अरंडी, सूरजमुखी एवं तारा मीरा, मूंगफली, तिल, सोया बीन|
  • रेशेदार फैसले – कपास
  • चारे वाली फैसले – बरसीम, रिज़का एवं जई|
  • मसले वाली फसलें – मैथी, सौफ़, जीरा एवं धनिया|
  • नकदी फसलें – ग्वार एवं गन्ना|

पशुपालन 

  • पशु धन का दूध उत्पादन में महत्व एवं प्रबंधन| पशुपालन का कृषि में महत्व| निम्न पशु धन नसों की विशेषताएं उपयोगिता व उत्पत्ति स्थान का सामान्य ज्ञान –
  • गाय – थारपारकर, नागोरी, जर्सी, राठी, मालवीय, हरियाणा, गीर, मेवाती|
  • भैंस – सुरती, नीली रवि, मुर्रा, भदावरी, जसारवादी, मेहसाना|
  • बकरी – बीटल, तोगनबर्ग, जामनापरी |
  • भेड़ – मालपुरा, मारवाड़ी, चोकला, जैसलमेरी, काराकुल, अविकालीन, अविवस्त्र |
  • सामान्य पशु औषधीय के प्रकार
  • जीवाणु रोधक – कार्बोलिकएसिड, पोटैशियम परमैग्नेट, फिनाइल, लाइसोल |
  • विरेचक – अरंडी का तेल, मैग्नीशियम सल्फेट|
  • उत्तेजक – अल्कोहल, कपूर|
  • क्रमीनाशक – फिनोविस, नीला थोथा|
  • मर्दन तेल – तारपीन का तेल

और भी पढ़े – 

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