आलू Potato Classification Agriculture Hindi Notes

आलू potato

आलू Potato

आलू Potato
  • वानस्पतिक नाम – सोलेनम ट्यूबरोसम
  • कुल – सोलेनेसी
  • उत्पति स्थान – दक्षिण अमेरिका (पेरू)
  • 2n = 48 (चतुर्थगुणित) – तने का रूपान्तरण
  • फल – बेरी
  • पुष्पक्रम – सायमोस
  • अंकुरण – इपिजियल
  • कार्बोहाइड्रेट – 205 %
  • प्रोटीन – 15 -2 %
  • स्टार्च – फेरिना
  • आलु का निर्माण स्टोलन के अन्त में होता है।
  • पोटेटो खोजकर्ता – आशीष दता
  • आलू में प्रोटीन बढाने के उदेश्य से आलू तथा दाने वाले अमरेन्थस से संकरण करवाया गया। जिससे आलू मे प्रोटीन की मात्रा
    2-3 गुना बढ जाती है।

पोमेटो – आलू x टमाटर

  • सोलेनेसी परिवार के पोधों में नर्सरी तैयार की जाती है। आलू में केवल TPS के लिए नर्सरी बनाई जाती है।
  • किसी भी पौधे के जीवनकाल का 25% समय नर्सरी बनाने में उपयोग किया जाता है।

आलू Potato में जलवायु ओर मृदा :-

  • रबी का पौधा, C3 पौधा, LDP पौधा
  • कन्द निर्माण के आधार पर आलू SDP पौधा होता है।
  • कन्द निर्माण के लिए उत्तम तापमान -17 -19 °C
  • कन्द निर्माण के दौरान रात का तापमान -14 °C
  • कन्द निर्माण के दौरान दिन का तापमान – 20 °C

आलू Potato की मृदा :-

  • एल्युवियल (जलोढ मृदा) या रेतीली दोमट मृदा

आलू Potato में बीजदर ओर बीज उपचार :-

  • आलू बुआई कन्द द्वारा की जाती है। 2 -3 ऑख वाला 25 gm के कन्द की आवश्यकता होती है।
  • कन्द – 15 -20 क्विंटल/ हे.

TPS—Truc Potato Seed— 100 -150 gm /ha

  • खोजकर्ता – रामानुजन

सीड प्लॉट टेकनिक :-

  • खोजकर्ता – पुष्करनाथ
  • उदेश्य – वायरस जनितत रोगो का प्रकोप कम करना
  • एफिड की सख्या कम करना

बीज उपचार :-

  • आलू मे सुषुप्तावस्था तोडने के लिए 1% थायोयूरिया तथा 5 -10 ppm GA3 का उपयोग किया जाता है।
  • आलू में सुषुप्तावस्था लगभग 3 -4 माह तक होती है।

आलू Potato में सिंचाई प्रबन्धन :-

  • 25% कन्द बनते समय
  • कन्दो की वृद्धि के समय

आलू Potato में खरपतवार प्रबन्धन :-

  • आलू में डाईक्वाट ओर पैराक्वाट का उपयोग 5% कन्दों के अंकरण से पहले करना चाहिए।
  • अन्य – पेन्डीमेथीलीन, आइसोट्यूरोन, ऑक्सीपलोरफेन

आलू Potato में उर्वरक प्रबन्धन :-

  • आलू मे CI युक्त उर्वरको का उपयोग नही किया जाता है।
  • आलू के लिए उत्तम उर्वरक – K2SO4 या NO3
  • खड़ी आलू की फसल मे अधिक N नहीं दिया जाता है क्योकि आलू में N की अधिकता से होलोहर्ट रोग हो जाता है।
  • डी हाल्मिग – आलू से सम्बन्धित है।
  • आलू की कटाई से पूर्व आलू के तने को काट दिया जाता है।
  • उद्देश्य – आलू की गुणवत्ता बढना।
  • मोयले का प्रकोप कम करना।
  • डी हाल्मिंग के लिए CuSO4 का उपयोग किया जाता है।
  • आलू मे अर्थिग अप नहीं करने से या आलू प्रकाश के सम्पर्क में आने से अवर्णीय लवक अधिक गहरा हरा रंग का हो जाता है
  • जिसके दौरान सोलेनीन का निर्माण होता है।
  • सामान्य आलू में 5 mg/100 gm सोलेनीन पाया जाता है।
  • क्रातिक मैटर्स -20 mg/100gm

आलू Potato की किस्मै :-

  • कुफरी अशोका, कुफरी चिपसोना, कुफरी शीतमान, कुफरी देवा, कुफरी सिन्दुरी (पछेती अंगमारी प्रतिरोधी)

आलू Potato में उपज :-

  • 20 – 30 टन /हेक्टयर
  • टन – 1000 किग्रा

आलू Potato के रोग :-

  • अगेती अगमारी – कवक – अल्टरनेरिया सोलेनाई
  • पछेत्ती अगमारी – कवक – फाइटोप्थोरा इन्फेस्टेंस- आयरिश फेमाइन 1845 में आया।
  • मूल गांठ सूत्रकृमि – मेलाइडोगायनी (सुनहरा सुत्रकृमि)

आलू Potato के कीट :-

  • PTM (पोटेटो ट्यूबर मोथ) -भण्डारण के साथ खेत में भी हानि।
  • चेपा /मोयला / माहू
  • सफेद मक्खि

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