बरसीम Berseem Crop in classification

berseem

बरसीम Berseem Crop

  • वानस्पतिक नाम – ट्राइफोलिएम एलेक्जेड्रीनम
  • कुल -लेग्यूमिनेसी
  • उत्पत्ति स्थान – इजिप्ट या मिश्रण
  • गुणसूत्र संख्या – 2n =16 ,32
  • क्रूड प्रोटीन – 20 %
  • अंकुरण – हाइपोजियल
  • जडो में सेपोनिन नामक रसायन पाया जाता है।
  • बरसीम की पत्तियों मे ट्राईकोन्टेनल नामक रसायन पाया जाता है।
  • यह द्विवर्षीय फसल है।
  • इसके चारे मे Ca और P की अधिक मात्रा पाई जाती है, इसलिए इसे milk enrichment फसल कहा जाता है।
  • इसे चारे वाली फसलो का राजा कहा जाता हैं। (चारा समूह)
  • ब्लेचर नामक वैज्ञानिक इसे भारत में इजिप्ट से लाया इसलिए इसे इजिप्टीयन क्लोवर के नाम से भी जाना जाता है।

बरसीम Berseem में जलवायु और मृदा :-

  • रबी की फसल, LDP पादप और C3 पादप, अधिक PH (7 से अधिक) पर भी इसकी खेती की जा सकती है।

बरसीम Berseem में बीजदर और बीज उपचार :-

  • सामान्य बीजदर-25 -30 (kg/ha.)
  • बीज उपचार- 15-20 % नमक के घोल से (कासनी के बीजों को अलग करने के लिए)
डिप्लोयडटेट्राप्लोयड
गूणसूत्र 2n=16 2n=32
कम तापमान पर अधिक वृद्धि होती हैं।अधिक तापमान पर अधिक वृद्धि होती है।
बीजदर =25 – 30 kg/ha35 kg/ha
किस्मे – मस्कावी, खदरावी, वरदानपूसा जायन्ट
बरसीम

बरसीम मे डिप्लाइ तथा ट्रेटाप्लाई का अनुपात =2 :1

बरसीम Berseem में खरपतवार प्रबन्धन :-

  • मुख्य खरपतवार -कासनी डायनोसोल एसिटेट (1.5किग्रा/है) का छिड़काव कर नियन्त्रित करते हैं, तथा ऑक्सीफ्लोरफेन (02 किग्रा/हैं) PE उपयोग करते हैं।
  • उपज ;– 1000-1200 क्विटल / हैक्टेयर
  • प्रथम कटाई:- 50 से 55 दिन बाद (अगेती -45 से 50 दिन बाद)

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