मूँगफली Ground nut Crop

मूंगफली

मूँगफली Ground nut

Ground nut
वानस्पतिक नाम अरेकिस हाइपोजिया
कुल फूल: पेग : फललेग्यूमिनेसी
उत्पत्ति स्थान ब्राजील
गुणसूत्र के प्रकार 2n =40
परागण स्वपरागण
अंकुरण इपिजियल
Ground nut
क्र.स० गुच्छेदार मूँगफलीफैलने वाली मूँगफली
1 110 -130 दिन में पकती है।130 -150 दिन में पकती है।
2 सुषुप्तअवस्था नही पायी जाती है।
अरेकिस हाइपोजिया फास्टीजीएटा
सुषुप्तअवस्था पायी जाती है।
अरेकिस हाइपोजिया फास्टीजीएटा
3 अथिंग अप की जाती है। नही की जाती
4 टिक्‍का रोग के प्रति सवेदनशील
बीजदर – 80 -100 kg/hec
टिक्का रोग के प्रति प्रतिरोध
60 —80 kg/hec
5 R X P-30 X10 cm45 X15 cm
6 पौधो की सख्या -33 लाखपौधों की सख्या -22 लाख
7 किस्मे -AK-12,24 ज्योती GG -2,7,चित्रा,चन्द्रा , M-13,Type -64
Ground nut
  • मूँगफली में तेल 45% व प्रोटीन 25% होती है।
  • मूँगफली में पुष्पन जमीन के ऊपर होते है तथा फल जमीन के नीचे बनते है।
  • मूँगफली में पेण आने की क्रिया को पेगिग कहा जाता है जो मादा भाग होता है।
  • निषेचन के बाद वर्तिकाग्र पेग के रूप मे जमीन की ओर गति करता है। इसे जियोट्रोपिज्म कहा जाता है।
  • मूँगफली में विटामिन – B12 के अलावा सभी विटामिन -B पाए जाती है।
  • मूँगफली के बीज आवरण को टेस्टा कहा जाता है।
  • मूँगफली की खली में सर्वाधिक नाइट्रोजन (72%) पाई जाती है।
  • भारत में सर्वाधिक मूँगफली उत्पादन. _- राजकोट (गुजरात) ।
  • राजस्थान मे सर्वाधिक मूँगफली उत्पादन – लूणकरणसर (बीकानेर) |
  • राजस्थान का राजकोट – बीकानेर (लूणकरणसर)।

फूल: 7 पेग : 4 फल : 1

Ground nut जलवायु और मृदा :-

  • खरीफ की फसल, C3 ; पौधा और SDP पौधा ।
  • पेग बनने के लिए उतम तापमान – 20-23 डिग्री सेल्सियस |
  • पेग की वृद्धि 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान होने पर बद हो जाती है ।

उपयुक्त मृदा :-

बलुई (रैतीली) या बलुर्ई दोमट ।

Ground nut सिंचाई प्रबन्धन :-

  • फली बनते समय –
  • पेग बनते समय –
  • मुख्य क्रान्तिक अवस्था।
  • पोड बनते समय –

उर्वरक प्रबन्धन :-

  • मूगफली में जिप्सम पेगिंग क्षेत्र मे देना चाहिए।
  • मूँगफली में जिप्सम पेग क्षेत्र मे देना चाहिए | (250 kg/h)
  • शेलिंग %=70 -75%
  • स्टार वीडर – मूँगफली में खरपतवार नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है।

भण्डारण :-

  • मूँगफली के पोड के लिए उपयुक्त नमी -9% या 9 % से कम पर भण्डारित किया जाता है।
  • मूगफली के बीज के भण्डारण के लिए उपयुक्त नमी -5%
  • मूँगफली के पोड को 9% से अधिक नमी पर भण्डारित करने पर एस्परजिलस फ्लेविस नामक कवक का प्रकोप बढ जाता है जो
  • एपला टॉक्सिन नामक रसायन पैदा करता है जिसके कारण मूँगफली मे कडवाहट उत्पन्न होता है।

रोग:-

1 टिक्का रोग :-

  • कवक द्वारा होता है।

अर्ली टिक्का रोग

  • सरकोस्पोरा अरेचीडीकोला

लेट टिक्का रोग –

  • सरकोस्पोरा परसोनेटा

2 कॉलर रॉट -एस्परजिलस नाइजर (कवक)

3 रोजेट रोग – वायरस के कारण

वाहक -एफिड

मूँगफली के कीट:-

सफंद लदट (व्हाइट ग्रब) – होलोट्रेकिया कोन्सेन्गुनिया
यह ‘C’ आकार की होती है।

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