Linseed
- वानस्पतिक नाम – लाइनय यूसीटेटिपिययस
- कुल – लाइनेसी 2n : 30
- उत्पति – मेडिटेरियन क्षैत्र (भूमध्यसागरीय)
- पुष्पक्रम – रेसीम
- फल – केप्सूल (Capsule / Seed ball)
- महत्व – तेल + रेशा (Dual purpose) द्विप्रयोजनी
- अलसी का रेशा फ्लेक्स (flex) कहा जाता है।
- रेशे का उपयोग – लाइनन बनाने में
- तेल (oil content) – 33-47%
- तेल में वसीय अम्ल होता है – ओमेगा – 3 फैटी एसिड
- खली में प्रोटीन – 36%
- खली में N -5 %, P – 1.4 %, K – 1.2 – 1.8 %
- किरण – चावल (सूखी प्रतिरोधी), मक्का (संकुल), अलसी
- अलसी या लैथाइरस (दलहनी फसल) को धान (Rice) की खडी फसल में छिडकर बौने
को ‘रिले क्रॉपिंग (relay cropping) कहते है। जो मध्यप्रदेश में उतेरा (Utera) एवं बिहार पं. बंगाल मे पेरा (Paira) के नाम से जानी जाती है। - अलसी की रिले क्रॉपिंग हेतु बीजदर – 10 kg/ha
Linseed में जलवायु climate :-
- ठण्डी एवं शुष्क (पालानुकसान दायक)
- औसत वार्षिक वर्षा – 450 – 750 गाता
- वृद्धि एवं विकास हेतु उपयुक्त तापमान – 24 – 26°C
मृदा Soil अलसी Linseed में:-
- दोमट (Loam)
अलसी Linseed में बुवाई का समय Sowing time:-
- अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से नवम्बर के प्रथम सप्ताह तक
अलसी Linseed में बीजदर :-
- दाने के लिए -15-18 kg/h , दोहरे उपयोग हेतु – 45 kg/h
- रेशे के लिए – 20 – 30 kg/ha
- अंतरा शस्य हेतु – 10kg/ha
ज्यामिति Spacing:-
- R x P- 20 – 30 x 7-10cm
अलसी Linseed की गहराई depth of sowing:-
- 4-5 cm
किस्में Varieties:-
- चम्बल, जवाहर – 23, RL,-71,RL,- 102, त्रिवेणी, नीलम, हीरा, मुक्ता, किरण, LMH
— 62 - शिखा (LUK – 8528)- देवउद्देस्य किस्म (dual purpose variety)
उर्वरक Fertilizer :-
- N -60 kg, P -25 – 40 kg, K – 20 – 30 kg
अलसी Linseed में सिंचाई Irrigation Management :-
(i) 35-40 DAS (ii) फल निकलने से पूर्व (Pre flowering stage)
खरपतवार नियंत्रण Weed Management :-
- जंगली जई हेतु एवाडेक्स @ 0.5 kg/ha व अन्य हेतु@ 0.5 kg/ha
उपज Yield:-
- 15-20 g/ha दाना
रेटिंग Retting :-
- रेशे वाली फसलों (सनई, जूट, अलसी) के तने से रेशा अलग करने के लिए फसल के तनों के बण्डल बनाकर पानी में गलन हेतु डुबोये रखते है।
रेटिंग तापमान Retting Temperature:-
- सनई -24-27 °C
- जूट -34°C
- अलसी -40°C
स्ट्रीपिंग Stripping :-
- छिलका हटाना डठल से | अलसी में रेंटिग + स्ट्रीपिंग
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