Bt Cotton crop Agriculture Hindi Notes
बीटी कपास भारत में एकमात्र अनुमत जीएम फसल है। जिसमें मृदा को जीवाणु “बैसिलस थुरिंगिनेसिस” (बीटी) के साथ दो विदेशी जीन को संकरण द्वारा प्राप्त किया जाता है। बीटी के कुछ उपभेदों से प्रोटीन उत्पन्न होता है जो कुछ कीड़ों को मारता है जैसे कि लेपिडोप्टेरान, कोलॉप्टेरान और डिप्टरटन
भारत में बीटी कपास लाने का उद्देश्य कपास की खेती में आवश्यक कीटनाशकों की मात्रा को कम करना था। इस पौधे की शुरुआत के बाद से, बीटी कपास को पूरे भारत में व्यापक रूप से अपनाया गया है। आज, भारत में उगाई जाने वाली अधिकांश कपास बीटी तकनीक का उपयोग करती है
- बॉल वर्म के प्रति प्रतिरोधी
- विश्व की प्रथम ट्रांसतलेनिक फसल- तम्बाकू
- भारत की प्रथम/अन्तिम ट्रासजेनिक फसल- कपास
- भारत में bt -कपास प्रथम बार 2002 मे आया।
- विश्व में ट्रासजैनिक फसलो का क्षेत्रफल- सोयाबीन >मक्का >कपास
- यह मुख्यतः: खरपतवारनाशी प्रतिरोधी होता हैं।
- कपास की प्रथम जीन Cry I AC व Cry II AB
- मोसेटो कम्पनी द्वारा बॉलवर्म के प्रति प्रतिरोधी किस्म -बोलगार्ड
- विश्व में ट्रांसजैनिक पौधे सर्वाधिक -USA
रिफ्युज क्रॉप :-
- Bt -कपास के चारो तरफ 20% नॉन Bt कपास लगाना, जिससे बॉल वर्म के प्रति Bt – कपास सवेदनशील नहीं हो पाता हैं।
Bt Cotton मेँ खरपतवार प्रबन्धन :-
- डाईयुरोन और मोनुरोन का उपयोग करते है।
- फिंगर लीफ या इपीनेस्टी- कपास की फसल में 2,4-D के प्रयोग से।
- इस खरपतवारनाशी का उपयोग करने से फिगर लीफ (इपीनेस्टी) हो जाता है।
Bt Cotton की किस्मे :-
- प्रथम सकरण किस्म -H-4 (Inter species variety )
- (गॉ हिरसुटम x गॉ हिरसुटम) 1970सी. टी पटेल द्वारा सूरत (गुजरात)
- प्रथम इंटर स्पी. संकर वारालक्ष्मी ( Inter species variety) 1976 (धारवाड़)
- स्पी. संकर (गॉ हिरसुटम x गॉ बारबेडेन्स)
देशी कपास – दिग्विजय, गिरनार
अमेरिकन कपास – बिकानेरी नरमा, गंगानगरी अगेती
इजिप्टियन कपास – सुजाता, सुविन
अन्य किस्मे – 11-777. Raj – HH-11.G -Cot-11, मरू विकास
Bt Cotton के रोग :-
- झुलसा रोग – जेन्थोमोनास ssp जीवाणुज अगमारी
- जड गलन – कवक राइजोक्टोनिया सोलेनाई
Bt कपास मे कीट :-
- गुलाबी सुण्डी (पिक बॉलवर्म) – पेक्टीनोफोरा गोसीपैला
नुकसान – डबल सीडेड के रुप में - धब्बेदार सुण्डी (स्पोटेड बॉलवर्म) – इरिस इन्सुनेला
- अमेरिकन सुण्डी (अमेरिकन बॉलवर्म) – हेलिकोवर्पा आर्मजिरा
- सफेद मक्खी – बेमेसिया टेबेसाई
- वाहक – लीफ कर्ल रोग की
- अपवाद – मिर्च में – एफिड (लीफ कर्ल)
- लाल कीट – भिण्डी को ट्रेप क्रॉप के रूप में लगाया जाता है।
1 | कपास की एक गाँठ का वजन | 170 किग्रा |
2 | जुट की एक गॉठ का वजन | 180 किग्रा |
3 | मेस्टा की एक गॉठ का वजन | 183 किग्रा |
4 | सनई की एक गॉठ का वजन | 167 किग्रा |
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