हरी खाद Green manure

important definition

हरी खाद Green manure

  • M.B. हल हरी खाद को पलटने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • पुष्पन के समय उपयुक्त नमी दर मृदा मे हल्की सहायता से पलटते हैं।
  • हरी खाद के रूप में प्रयोग किये जाने वाले पौधों की विशेषताएँ।
  • इनका जीवन चक्र छोटा होना चाहिए (4 से 6 सप्ताह)।
  • यह पौधे मुख्यतः लेग्यूमिनेसी परिवार के होना चाहिए।
  • यह पौधे कम समय में अधिक वानस्पतिक वृद्धि करने वाले होना चाहिए।
  • इनमें कार्बनिक पदार्थों एव नाइट्रोजन की अधिक मात्रा होना चाहिए।
  • इनका विच्छेदन शीघ्रता से होना चाहिए।
  • गहरी जडे होनी चाहिए।
  • शुष्क क्षेत्रों में हही खाद मे काम आने वाली फसलो को पुष्पन से पहले मिट॒टी मे मिलाया जाता है।
  • सिंचित क्षेत्रों में काम आने वाली हरी खादो फसलो को 50 % पुष्पन मिट्टी में मिलाया जाता है।

हरी खाद में प्रयोग की जाने वाली कुछ फसलें

सनई :-

  • वानस्पतिक नाम – क्रोटोलेरिया ज्यूनिशिया
  • इस फसल का उपयोग मुख्यतः शुष्क क्षेत्रों में किया जाता है।(उत्तर भारत,/ राजस्थान)

ढेंचा :- सेस्बेनिया स्पी

सेसबेनिया अकुलिएटा –

  • जड द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है।
  • यह फसल सबसे तेज नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करती है।
  • इस फसल का उपयोग मुख्यतः जल मग्न वाले क्षेत्रों में किया जाता है। (धान वाले क्षेत्रो में)
  • इस फसल का उपयोग लवणीय तथा क्षारीय मृदाओं वाली मृदाओं में हरी खाद के रूप मे उपयोग किया जाता है।

सेसबेनिया रोस्ट्राटा – (ढेंचा)

  • यह एकमात्र फसल है जो जड तथा तने से सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण करती है।
  • Note – गिलीसीरीडिया नामक पौधोका उपयोग लवणीय तथा क्षारीय मृदाओं को सुधारने में किया जाता है।
  • हरी खादों का उपयोग मुख्यतः क्षारीय मृदाओं को सुधारने में किया जाता है।
  • हरी खाद मुख्यतः दो प्रकार से तैयार किया जाता है।
  • नाइट सोइल – मनुष्य के मल से बनने वाली खाद को नाइट सोइल कहा जाता है N=5%

  • नीम की खली में मुख्यतः एजाडीरेक्टीन व निम्बीडीन नामक रसायन पाये जाते है।
  • नीम का उपयोग नीम युक्‍त यूरिया बनाने में किया जाता है।
  • नीम युक्त यूरिया मे नाइट्रोजन 46 % पायी जाती है।
  • सामान्य यूरिया में नाइट्रोजन 46 %
  • नीम युक्‍त यूरिया का उपयोग करने से नाइट्रोजन उपयोग दक्षता बढ जाती है।
  • महुआ की खली में सेपोनीन नामक रसायन पाया जाता है।
  • महुआ की खली का अपघटन अधिक देरी तक चलता है।
  • अरण्डी की खली (एन्टी टरमाइट गुण) का उपयोग करने से मृदा में दीमक का प्रकोप कम हो जाता है।
  • Note:- कच्ची गोबर की खाद का उपयोग करने से मृदा में दीमक का प्रकोप बढ जाता है।

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