सनई Sunhemp
- सनई का वैज्ञानिक नाम Crotalaria juncea है।
- यह एक फूलदार पौधा होता है, जिसके फूल पीले रंग के होते हैं।
- सनई की ऊंचाई आमतौर पर 3 से 10 फीट तक होती है।
- वानस्पतिक नाम – क्रोटोलेरिया ज्यूनिशिया
- उत्पत्ति स्थान – भारत
- कुल – लेग्युमिनेसी
- गुणसूत्र – 2n=16
- अंकुरण – इपीजिएल
- सनई के बीजो का आकार किडनी जैसा होता है।
- बीजदर – 20 — 25 kg/h
- सनई के रेशों का उपयोग भारतीय मुद्रा बनाने मे किया जाता है।
सनई की उपज :-
- रेशे की उपज —2- 4 % wet basis (गीला रेशा)
- रेश की उपज – 8-12 dry basis (सूखा रेशा)
Sunhemp सनई के उपयोग:–
- खेती में उपयोग: सनई का उपयोग खेतों में खाद्य वनस्पति के रूप में किया जाता है। इसकी वनस्पति खेत की फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद करती है और उर्वरक की गुणवत्ता को बेहतर बनाती है।
- ग्रीन मन्योर: सनई को ग्रीन मन्योर (Green Manure) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसका मतलब है कि इसे पूरी तरह से खेतों में बोया जाता है और फिर फसल के साथ ही इसे मिला दिया जाता है, जिससे यह जल संचयन और मिट्टी को फ्रेश और स्वस्थ रखता है।
Sunhemp सनई में जल संचयन :–
- इसकी बोटों को ताजा तरीके से तरल बनाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है, जिससे जल संचयन की प्रक्रिया में मदद मिलती है।
Sunhemp सनई के विभिन्न प्रकार :–
- पीला सनई: यह सनई पौधे का सबसे प्रसिद्ध प्रकार है, और इसके बीजों से तेल निकाला जाता है।
- आवाज सनई: इसका नाम इसकी पत्तियों की वजह से है, जो हलके ब्रॉन्ज रंग की होती हैं और हलकी आवाज की तरह झूलती हैं।
- लाल सनई: इसके पत्तियाँ लाल रंग की होती हैं और यह खासतर सामग्री के रूप में प्रयुक्त होता है।
सनई के आगामी प्रयोग:–
- बायो-फ्यूल: सनई की वनस्पति से बायो-फ्यूल बनाने का अभ्यास चल रहा है, जिससे वायुमंडलीय प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सकती है।
- पशुपोषण: सनई के बीजों का पशुपोषण के लिए उपयोग होता है, जिससे बच्चे पशुओं को प्राकृतिक पोषण प्रदान कर सकते हैं।
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करे – YOUTUBE
और भी पढ़े – कपास cotton crop classification in hindi notes
Leave a Reply