मेथी Fenugreek
- वानस्पतिक नाम – द्राइगोनेला फोइनय ग्रेडकम
- कुल – लेग्यूमिनोसी
- उत्पत्ति – दक्षिणी पूर्वी यूरोप व दक्षिणी पश्चिमी एशिया
- वाष्पशील पदार्थ – “ओलियोरेजिन (गंधयुक्त कडवे स्वाद का कारण)
मेथी Fenugreek में जलवायु :-
- शीत जलवायु, शुष्क एवं ठण्डा मौसम
- वृद्धि हेत कम तापमान एवं पकते समय भी
मेथी Fenugreek में पुष्पक्रम :-
- रेसीम
- स्वपरागित
मेथी Fenugreek की किस्में :-
- राजेन्द्र क्रान्ति, Co -1
- RMT — 143, RMT -1 (प्रभा)
- SKRAU
- UM -144 (जोबनेर से)
- RMT – 305
- लाभ सलेक्शन – 1 (छोटी अवधि 68 दिन में तैयार)
- सब्जी हेतु : पूसा अर्ली बान्चिंग, पन्त रागिनी
- कस्तूरी मेथी – सुगंधित पतियों वाली
बीजदर :-
- 20-25 kg/h
- Spacing — 30 x 10 cm
बीजोपचार :-
- राइजोबियय मेलिलोटी (रिजका, सेंजी, मेथी में)
बुवाई समय :-
- अक्टूबर के अन्तिम सप्ताह से नवम्बर के प्रथम सप्ताह तक,
- अधिकतम -उपज जब बुवाई 15 अक्टूबर को करने पर
उर्वरक :-
- N – 20 kg
- P – 40 kg
- K – 20 kg
सिंचाई :-
- 3-4 सिंचाई
खरपतवारनाशी :-
- पेण्डीमेथालिन 1 kg a.i./h
उपज :-
- 10-15 q/ha
- Upto -27 -30 q/ha
- मेथी – सीकर
- कस्तूरी मेथी – नागौर
- भण्डारण – 7-79 %
रोग :-
- पाउडरी मिल्डयु रोग
- तुलासिता या डाउनी मिल्डयु रोग
- जडगलन रोग
कीट :-
- मोयला या एफिड
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