ए बी सी मृदा A B C Soil
ए बी सी मृदा (A B C Soil)-एक मदाः जिसमे स्पष्ट विकसित प्रोफाइल, ए. बी सी संस्तरों सहित हो
ABC Soil” का सामान्य अर्थ मिट्टी की तीन प्रमुख परतों के संदर्भ में हो सकता है। ये परतें मिट्टी की संरचना और उसके गुणधर्मों को समझने में मदद करती हैं। यहाँ पर इन तीन परतों का विवरण है:
- ए होराइजन (A Horizon) – टॉपसॉइल:
- परिभाषा: यह मिट्टी की सबसे ऊपरी परत है। इसमें सबसे अधिक जैविक सामग्री और पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की जड़ों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
- विशेषताएँ: यह परत आमतौर पर गहरे भूरे या काले रंग की होती है और इसमें उच्च उर्वरता होती है। यह पौधों की वृद्धि के लिए आदर्श मानी जाती है।
- बी होराइजन (B Horizon) – सबसॉइल:
- परिभाषा: यह ए होराइजन के नीचे की परत है, जिसमें खनिज और अन्य तत्व जमा होते हैं जो ऊपर की परत से लीक होकर यहां पहुंचते हैं।
- विशेषताएँ: यह परत आमतौर पर घनी और कम उर्वर होती है। इसका रंग आमतौर पर हल्का भूरा या लाल होता है और इसमें जैविक सामग्री की कमी होती है।
- सी होराइजन (C Horizon) – माता सामग्री:
- परिभाषा: यह सबसे नीचे की परत है जो मिट्टी के निर्माण के लिए आधारभूत सामग्री प्रदान करती है। इसमें पत्थर, चट्टान, या अन्य अपरिष्कृत सामग्री शामिल होती है।
- विशेषताएँ: इस परत में कम पोषक तत्व होते हैं और यह सबसे कम विकसित होती है। यह मिट्टी के निर्माण का आधार बनती है।
अन्य परिभाषाए
अजैव सत्य (Abiotic Elements)-
पर्यावरण प्रकृति के जैव एवं अजैब तत्वों का समुच्चय है जिसमें अजेय तत्व है-सौर ऊर्जा, प्रकाश, जल, मिट्टी, चट्टान, खनिज एवं घरातल है
विलगन (Abscission)-फूल, फल, पत्ती या अन्य भागों का एक पौधे से अलग होना/गिरना
निरपेक्ष खरपतवार (Absolute Weeds) वे खरपतवार, जो फसलों की उपज कम करते हैं और फसल को लाभ के बजाय हानि ही पहुँचाते हैं जैसे कांस
एक्लीमेशन (एक्लीमेटाइजेशन) जल- वायु अनुकूलन (Acclimation (Acclima tization)–
नई वातावरणीय दशा को धीरे त्से अपनाने की योग्यता, विशेषकर तापक्रम
ऐसीटीमीटर (Acetimeter)-किसी तरल में एसीटिक अम्ल की मात्रा मापने का एक मंत्र
अम्ल तुल्य (ए. ई.) [Acid Equi- valent (a.e.)]-सूत्ररूप का यह एक भाग जो कल्पनापूर्वक मातृक अम्ल में बदला जा सके
अम्ल वर्षा (Acid Rain)- वर्षा में अम्लों एवं घुलनशील रसायनों (सल्फर एवं नत्रजन के ऑक्साइड्स) का धुला होना जो पौधों के लिए हानिकारक है.
अम्लीय मृदायें (Acid Soil)- एक मृदा जो अमत प्रतिक्रिया दे एवं पी-एच मान 7.0 से कम हो
एकड़ इंच (Acre Inch)-यह पानी की वह मात्रा है जो एक एकड़ क्षेत्र पर एक इच ऊँची हो
सक्रिय अवशोषण (Active Absorp tion)-
सादण ग्रेडियेन्ट के विरुद्ध जल एवं अन्य पदार्थों का अवशोषण, अतः इनहीबीसन एवं ऑसमोसिस के संदर्भ में ऊर्जा का खर्च होना
सक्रियता सूचकांक (Activity In- dex)-मंद सुलभ नाइट्रोजन उर्वरकों की विलेयता के मूल्याकन की एक विधि
प्रभाव युक्त तत्य/सक्रिय घटक (ए. आई.) [Active Ingredient (a.i)] -व्यापारिक उत्पादों में रसायन, जो शाकनाशीय/कीटनाशी या फफूंद नाशी प्रभाव के लिए सीधे (नाशी प्रभाव के लिए) उत्तरदायी हो, सक्रिय घटक कहलाते है.
अनुकूलन (Adaptation) -यह प्रक्रिया, जिससे कोई जीव किसी बाताबरण में जीवित रहने या जनन करने में अधिक सक्षम हो जाए, इस क्रिया के परिणाम को अनुकूलन कहते हैं
आसंजन (Adhesion) -ठोस सतह के लिए जल अणुओं का खिचाव, हाइड्रोजन जुड़ाव से
एडजुएन्ट (Adjuvant) –
रासायनीकृत विविध पदार्थ, जिन्हें सूत्ररूप के लिए मिलाया जाता है ताकि उनकी प्रयोग भण्डारण एवं खरपतवार मारने की क्षमता, वृहद् मिन्न तरीकों में सुधारी जा सके.
अड़साली फसल (Adsali Crop)- ऐसी फसल, जिसकी अवधि लगभग 18 माह की हो जैसे गन्ना दक्षिण भारत में, जो सामान्यतः जून-जुलाई में बोई जाती है.
अधिशोषण (Adsorption)- एक सतह पर, अणुओं अथवा आयन्स की बढ़ी हुई सांदणता, जिसमें मृदा कणों पर विनिमेय धनायन एवं ऋण आयन भी सम्मिलित हैं, अर्थात् एक सतह पर एक या अनेक आयनिक या आणविक सतहों पर खिचाव (अट्रैक्शन) का
वायुवीय (Aerobic) – आण्विक आक्सीजन की उपस्थिति में ही केवल जीवित अथवा सक्रिय, मुख्यतया से या वायुवीय जीवों द्वारा उत्पन्न, जैसे वायुवीय अपघटन
वायुजीवी जीवाणु (Aerobic Bacte- ria)-ऐसे जीवाणु, जो आक्सीजन की सुलभता में जीवित रहते हैं
वायुवीय श्वसन (Aerobic Respira- to tion)-
वह श्वसन, जो वायु की उपस्थिति में हो. आक्सीजन का उपयोग हो, एवं CO₂. ऊष्मा एवं जल उत्पन्न हो
हवायीय पौधे (Aeroponic Plants)- पौधों का हवा में उगाना
पुंज फल (Aggregate fruit)-एक फूल से दो या अधिक कारपेल एवं तना अक्ष का बना फल जैसे ब्लैक बेरी एवं स्ट्राबेरी
एग्रेसिविटी (Aggressivity)- इन्टर क्रॉपिंग की रिप्लेसमेन्ट सीरीज में इसे प्रयोग करते हैं जो A से निर्दिष्ट की जाती है यदि इसका मान शून्य (0) ही तो कमीनेन्ट स्पीशीज बराबरी प्रतियोगी हैं
एगमार्क (Agmark)-एक राष्ट्रीय तमका, जो कृषि एवं पशु उत्पादों की गुणवता एवं शुद्धता दर्शाये, (कृषि उत्पादन अधिनियम 1937 के अनुसार),
कृषि (Agriculture)-
एक ऐसा मानव क्रियात्मक क्षेत्र, जिसमें पर्यावरण एवं मानव सभ्यता (कल्चर) का परस्पर सम्बन्धी कार्य हो, जो उसमें और उससे पैदा हो (कृषि ही सभी सभ्यताओं की जननी है)
एग्री-सिल्वीकल्वर (Agri-silvicul ture) वृक्ष फसलों को कृषित फसलों के साथ उगाना, (अर्थात् Tree crops + Agril.crops)
कृषि-पारिस्थितिकी (Agro-Ecology) – कृषित फसलों और उनके वायुमण्डलीय एवं पारिस्थितिक सम्बन्धों का अध्ययन करने वाला विज्ञान ‘कृषि पारिस्थितिकी कहलाती है
कृषि-वानिकी (Agro-Forestry) – कृषि वानिकी भूमि उपयोग की एक ऐसी पद्धति है, जिसमें बहुवर्षीय वृक्षों की स्पीशीज को कृषित भूमि (Arable land) में विचार (उद्देश्य) पूर्वक उगाया जाए.
शस्य दक्षता (उर्वरकों में) [Agro- nomic Efficiency (AE) (in Fertilizers)] –
इसका अर्थ प्रति किग्रा दिए गए तत्व से अतिरिक्त फसल उत्पादन (किग्रा में) से है. आमतौर पर AE घटती है यदि तत्व प्रदानता में बढ़ोत्तरी की जाए
शस्य विज्ञान (Agronomy)-
शस्य विज्ञान, कृषि की वह शाखा है जो फसल उत्पादन एवं भूमि प्रबन्ध के सिद्धान्तों एवं क्रियाओं से सम्बन्ध रखती है (Agronomy दो ग्रीक शब्द Agros = field, nomos => manage से बना)
घास विज्ञान (Agrostology)-धात्ती (Grasses) के वर्गीकरण, उत्पादन प्रबन्धन, आदि का अध्ययन वाली विज्ञान ‘एग्रोस्टो लॉजी कहलाती है
एल्विडो (Albedo)- यह वह अनुपात है, जो किसी वस्तु पर पढ़ने वाले प्रकाश की मात्रा एवं इससे परावर्तित दृश्य प्रकाश की मात्रा के बीच होता है अर्थात् परावर्तित रेडियेशन, प्रतिशतता में प्रदर्शित करना एवं एल्बिडोमीटर से मापना.
एल्विनो (Albino) वह जानवर, जो कोई रंग या पिग्मेन्ट न रखे और अधि- काशतः सफेद हो.
एलीलोपेथी (Allelopathy)-एक पौधे का सीधा या विपरीत हानिकारक प्रभाव जो दूसरे पर पड़े अथवा आपस में एक-दूसरे पर हालें जो रसायन पदार्थों के उत्पादन के द्वारा हो, जो वातावरण से बचे (इसे एलीलो कैमीकल इन्टरएक्शन का एन्टीबायोसिस भी कहते हैं.]
गली खेती (Alley cropping)-भूमि की उर्वरता एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिए, कृषित फसलों को जब गलियारे अर्थात् रास्तों के बीच उगाया जाए
पर-निषेचन (Allogamy)-
किसी एक पौधे या जन्तु के नर युग्मक का किसी अन्य पौधे या जन्तु के मादा युग्मक से संयोग (पर्याय : परपरागण)
अमोनीफिकेशन (Ammonification) किसी कार्बनिक नत्रजन यौगिक के जैविक विघटन के फलस्वरूप उत्पन्न अमोनिया
अवायुवीय (अजारक) (Anaerobic)- आण्विक आक्सीजन की अनुपस्थिति में जीवित या सक्रिय.
असुगुणित (Aneuploid)-जिन जीवों में क्रोमोसोम सख्या, आधार क्रोमोसोम सख्या का गुणनफल न हो
एन्टागोनिस्टिक प्रभाव (Antagonistic effect)-सक्रिय तत्वों (कारकों) के संयुक्त प्रयोग के द्वारा कुल प्रभाव का जोड़, जो एक अकेले सक्रिय तत्व के प्रभाव से कम हो.
एन्टीबायोटिक (Antibiotic) एक कार्बनिक यौगिक, जो सूक्ष्म जीवों अथवा उच्च-पौधों द्वारा पैदा किया गया हो, और पर्याप्त मात्रा में कुछ अन्य जीवों को नष्ट करे अथवा वृद्धि को रोके.
एन्टी-ट्रान्सपिरेन्ट्स (Anti-transpi-rants) कोई पदार्थ, यदि उन्हें पौधे की सतह पर प्रयोग करें तो उत्स्वेदन घटादें, एन्टी ट्रान्सपिरेन्ट्स कहलाते हैं जैसे पी एम. ए.. सक्सीनिक अम्ल, एब्सीसिक अम्ल
एपीकल्चर (Apiculture) मधुमक्खी पालन द्वारा शहद उत्पादन लेना.
आरबोरीकल्वर (Arboriculture)- वृक्षों एवं झाडियों की खेती करना
अपयुग्मन (Apogamy) ऐसी दशा, जिसमें भ्रूण का विकास, बीजाड कोशिका में न होकर अन्य कोशिका में हो.
असंग जनन (Apomixis)-कोशा से किसी भ्रूण का विकास, यदि वह एक सेचित अण्डे से अलग हो, जैसे-नीबू में न्यूक्लियर भ्रूण का. वगैर निषेचन के बीज निर्माण
एक्वाकल्चर (Aquaculture)
पौधों की खेती को जल में करना, जैसे-एल्गी उगानाः
वृक्ष संवर्धन (Arboriculture) छाया एवं सजावट के लिए काष्ठीय पौधों की खेती करना,
क्षेत्र समय तुल्य अनुपात [Area x Time Equivalent Ratio (ATER)] – अंतराशस्यन में अन्तरवर्ती फसल एवं मुख्य फसल के मध्य क्षेत्र एवं समय (अवधि) का आपसी सह-प्रभाव (जो शुद्ध फसल की तुलना में) अतिरिक्त उपज लाभ दे.
एरोमेटिक्स (Aromatics)-हाइड्रो कार्बन बेन्जीन (C₂H₂) से निकाला गया यौगिक
अलैंगिक जनन (Asexual Repro-duction) नर और मादा युग्मकों के संयोग के बिना नई व्यष्टियों की उत्पत्ति. वायुमण्डल (Atmosphere) पृथ्वी के बाह्य भाग को घेरी हुई हुई गैसों, जल वाष्प और धूल की एक संहति ‘वायुमण्डल’ कही जाती है
स्व-पार्थेनोकापी (Autonomic (Sti- mulative) Parthenocarpy)-फल विकास, जिसमें परागण हो लेकिन निषेचन न हो.सहायक (वृद्धिकारक) फसलें (Aug- menting crops) मुख्य फसल की उपज बढ़ाने के लिए, अन्य गौण फसल भी साथ- साथ मिला देना जैसे बरसीम में सरसों मिलाना ताकि शीघ्र एवं अतिरिक्त उपज मिले, (बरसीम + सरसों).
स्वयुग्मन (Autogamy)- स्व-परागण द्वारा निषेचित फूल
स्वजीविता (Autotrophism)-वे पौधे,जो अपना भोजन स्वयं बनाए
स्व-पारिस्थितिकी (Autecology)-जब एकाकी प्रजाति (Individual species) की पारिस्थितिकी के संदर्भ में उनके जीवन-चक्र की विविध अवस्थाओं की अन्तर प्रक्रिया को पर्यावरण और अन्य जीवों के संदर्भ में अध्ययन ‘स्व-पारिस्थितिकी’ कहलाता है
आक्सिन (Auxin) एक जेनेरिक शब्द जो वृद्धि पदार्थों के लिए प्रयोग होता है. अपने स्टिमुलेशन के द्वारा न केवल कोशा वृद्धि होती है बल्कि बहुत से वृद्धि प्रभावों के भी कारक होते है और पौधे द्वारा संश्लेषण हो, जैसे-इन्डोल एसिटिक अम्ल (आई.ए.ए.)
उपलब्ध जल (Availabe water)- पौधों के उपयोग हेतु, सामान्यतया जल की वह मात्रा, जो ‘क्षेत्र धारिता’ एवं ‘स्थायी मुरझान बिन्दु’ के मध्य होती है.
अजोला (Azolla)-यह छोटी जलीय फर्न का जीनस है, जो धान में नत्रजन स्थिरीकरण (10-15 kg/ha) करती है, जैव- उर्वरक की श्रेणी में है.
Azospirillum –
एक स्वतंत्र जीवित नत्रजन स्थरीकांक (एक उर्वरक) जो बीजोपचार (इनोकुलेशन) में प्रयोग होता है और 15-20 kg N/ha के बराबर बहुत सी धान्यों (ज्वार, बाजरा) में सूक्ष्म जीव तुल्य नत्रजन देता है
एजोटोबैक्टर (Azotobacter) जैव- उर्वरक का एक प्रकार, जो अनेक फसलों (गेहूँ, आलू, सरसों में बीज-उपचार (इनोकु लेन्ट्स) नत्रजन स्थिरीकरण हेतु प्रयोग किया जाता है. साथ ही अनेक पादप पैथोजेनिक फजाई को रोकने में उपयोगी है.
बी-संस्तर (B-horizon) मृदा की नीचे की एक सतह (पर्त) जिसमें लौह (Fe) जैसे पदार्थ लीचिंग द्वारा एकत्रित हो जाते हैं.
वी1, बी, बी3 (B1, B2, B3)-प्रतीप संकरण संतानों क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय हेतु प्रयुक्त शब्द.
प्रतीप संकरण (Back cross)-किसी F, संतति का उसके किसी एक जनक से संकरण (अर्थात्, एक संकर का क्रॉस मातृक प्रकार के किसी एक से).
प्रतीप संकरण प्रजनन (Back cross Breeding) जिस प्रजनन विधि में जब F₁ एवं प्रतीप संकरण संस्ततियों का बार-बार प्रताप रोक सकख्या सस्त
पिछला /अंतिम कूड़ (Back Furrow) –
खेत की जुताई करते समय 2 हलाइयों के बीच नई बनी मॅड़ (बगैर जुती) ‘पिछला कूँड़’ कही जाती है
बैक्टीरिया (Bacteria)-सूक्ष्म एक कोशीय जीव (जीवाणु) जो नंगी आँखों से न दिखे
जीवाणुनाशक (Bactericide)-एक पदार्थ, जो जीवाणुओं को मारने की क्षमता रखे
जीवाणु विज्ञान (Bacteriology)- जीवाणुओं के अध्ययन की शाखा (विज्ञान)
बारफोर्ड परीक्षण (Barfored’s test) – मोनोसैकेराइड्स के परीक्षण हेतु एक जैव- रसायन टेस्ट
बेलॉस्टा (Balausta)-बैरी फल का परिवर्तित रूप, जिसमें अनेक बीज एवं चमड़ीय पैरीकार्प हो.
जी-जल (Barley Water)-छिल्का रहित एवं पॉलिस्ड पर्ली जौ (माल्टी जौ) से निकाला गया पेय जल
आधार गुणसूत्र संख्या (Basic chro- mosome number)
द्विगुणित स्पीशीज की युग्मकी या अगुणित गुणसूत्र संख्या x से प्रदर्शित, बहुगुणित स्पीशीज की पूर्वज द्वि गुणित स्पीशीज की अनुणित गुणसूत्र संख्या बेटोलॉजी (Batology) गोखुरू (टुबूलस स्पीशीज) एक कटीला खरपतवार (पौधा) का अध्ययन
बैंच चबूतरा (Bench terrace)-
उत्तरती पहाड़ी तरफ पर खड़े बाल के साथ चबूतरे, बहुत खड़े डालो पर उनका प्रयोग
बैन्डिक्ट्स परीक्षण (Bendict’s test) – एक जैव रसायन परीक्षण, जो शर्करा की जाँच के लिए प्रयोग होता है.
बायोइन्फॉर्मेटिक्स ( Bio-informatics) (जैव-सूचना विज्ञान) जैव प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी के संगम से निकली नई विज्ञान ‘बायोइन्फॉर्मेटिक्स’ (विज्ञान) कही जाती है.
जैव-मण्डल (Bio-sphere)-
जैवमण्डल से तात्पर्य उस सम्पूर्ण स्थान से है. जहाँ किसी न किसी रूप में जीवन पाया जाता है. जैवमण्डल के 3 बड़े तंत्र जलमण्डल (Hy- drosphere), वायुमण्डल (Atmosphere) एवं स्थलमण्डल (Lythosphere) होते हैं.
लाम/खर्च अनुपात (Benefit/cost ratio)-किसी फसल में लाभ (मुनाफा) कुल खर्च के अनुपात को B/C Ratio कहते हैं. जैसे-3 (₹3 लाभ तो एक रु. खर्च)
द्विवर्षीय (Biennial)-एक पौधा, जो अपना जीवन चक्र दो वृद्धि कालों में पूर्ण करता हो. जैसे गाजर
द्विवार्षिकी फलत (वृक्ष) (Biennial bearing (trees)]-फल वृक्षों (जैसे-आम) में फलत का तरीका, जिसमें सामान्य व्यापारिक फसल भार ‘ऑन ईयर’ के बाद ‘ऑफ ईयर’ हो. जिसमें फलत बिलकुल नहीं अथवा नगण्य हो
बिग (बीयर) [Bigg (Bear)]-चार- पंक्ति जो
कुठिला (बुखारी) (Bin) एक गोल सरचना जो बीजों को भण्डारित करने में प्रयोग हो
बायो-ऐसे (Bio-assay)-
(1) किसी पदार्थ या रसायन (कीटनाशी/फफूंदनाशी) के नियंत्रित दशा में एक जीव पर प्रभाव का मूल्यांकन करना.
(2) एक परीक्षण विधि, जो जीवित जीवों का प्रयोग करने में किसी एक रसायन की उपस्थिति ज्ञात करे.
जीव-रसायन (Bio-Chemistry) जीवित कोशाओं में घटित होने वाली रासायनिक क्रियाओं एवं पदार्थों के अध्ययन को प्रकट करने वाला विज्ञान
जैव-उर्वरक (Bio-fertilizers) सूक्ष्म- जीवों की सक्रिय प्रजातियों की जीवित अथवा छिपी कोशिकाओं के संदर्भ में, जिनमें वायु- मण्डलीय नत्रजन को स्थिर करने की क्षमता हो. इन्हें माइक्रोबियल इनोकुलेन्ट्स भी कहा जाता है
जैविक मैग्नीफिकेशन (Biological magnification) कुछ रसायनों की मात्रा मैं क्रमागत वृद्धि जो विभिन्न भोज्य स्तर शैवाल की तरफ जो शाकाहारी मछलियों मांसाहारी मछलियाँ चिडियाँ खाने वाली मछलियों और मनुष्यों को भी
जैव तत्व (Biotic elements)- प्रकृति पौधे एवं जीव-जन्तु जैव तत्व कहे जाते हैं
जैव-विषता (Bio-toxicity)-प्रयोग किए गए पदार्थ (रसायन) का पौधे में हानि कारक (विष) प्रभाव.
ब्लैक हार्ट (Black heart)-काष्ठ तनों में, शीत हिमांक क्षति से, कोशाओं की मृत्यु का होना जिससे भोज्य संग्रह/वाहन का रुक जाना
ब्लैक टिप (Black tip) आम के फलों में निचले सिरे का काला पड़ जाना, जो ईंट के भट्टे से निकली गैस (SO₂) के कारण होता है
.ब्लांचिंग (Blanching)-
डिब्बाबन्दी तथा सुखाने से पूर्व, फल व सब्जियों को थोडे समय के लिए उबलते पानी से उपचार करना
नीली क्रान्ति (Blue Revolution) मत्स्य उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि ‘नीली क्रान्ति’ कहलाती है.
बोनसाई (Bonsai) – वृक्षों को बहुत छोटे या बौने रूप में उगाना, बोनसाई जापान एवं चीन का सर्वप्रथम प्रयोग तरीका लगभग 1000 वर्ष पूर्व से
बोर्डो-मिश्रण (Bordeaux mixture)- कॉपर सल्फेट, चूना एवं पानी (4:4:50 अथवा 5:5:50 अनुपात) का मिश्रण जो फसलों पर फफूंदनाशी के रूप में छिड़का/ प्रयोग किया जाता है.
बोरो धान (Boro rice)-घान की फसल जिसकी रोपाई दिसम्बर-जनवरी में एवं कटाई मई-जून में हो.
नीचे से ऊपर (Bottom up) एप्रोच (1) किसानों की खेती की समस्या को वैज्ञानिकों तक पहुँचाना. इस हेतु Field Demonstration जरूरी है.
ब्रेसिंग (Bracing)-दो कमजोर शाखाओं को मिलाकर या सहारा देकर शाखाओं में मजबूती प्रदान करना, जो छाल या ब्रिज ग्राफ्टिंग से दी जाती है.
जैविक मिनरेलाइजेशन (विघटन) Biological mineralization (decomposition)]
कार्बनिक यौगिकों में किसी तत्व का अकार्बनिक दशा में परिवर्तन, जो जैविक विघटन के फलस्वरूप हो. 22 मई-अतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता (Bio-diversity) दिवस/वर्ष मनाना
ब्राइन घोल (Brine solution)- साधारण रूप से नमक का घोल
ब्रिक्स (Brix) गन्ने के रस में कुल ठोस की प्रतिशतता Brix meter से ज्ञात करते हैं. Brix मान-18-20% पर गन्ने की कटाई/परिपक्वता का पता लगना
ब्रिक्स हाइड्रोमीटर (Brix hydro- meter) फल संरक्षण में, चीनी के घोल की सांदणता मापने का यंत्र
बक द्वीट (Buck Wheat)-पौधों का एक कुल जो बीज उत्पन्न करने हेतु हो
कलिकायन (Budding)-
- (1) एक ग्राफ्ट कार्य जहाँ छाल का एक छोटा टुकड़ा साइन भाग’ होता है अथवा काष्ठ जिसमें एक कलिका हो.
- (2) मूलवृन्त पर जनक पौधे से निकाली गई कलिकाओं के रोपण द्वारा पौधों के कायिक प्रवर्धन की एक विधि
बजट (Budget) किसी निर्धारित आगामी अवधि के लिए अनुमानित आय और व्यय का विवरण
आँख उत्परिवर्तन (Bud Mutation)- कायिक ऊतकों, विशेष रूप से, कक्षस्थ कलिकाओं में होने वाले उत्परिवर्तन.
स्थूल घनत्व [Bulk density (Soil) –
मृदा की प्रत्येक स्थूल आयतन इकाई का द्रव्यमान, जो 105° C पर स्थिर भार तक लाने हेतु सुखाई गई हो.
बर (Bur) – गांठ से सम्बन्धितः जैसे- हिरन के सींग के आधार पर गांठ, पशु में खुर का कोन, वृक्ष पर गांठ नुमा वृद्धि आदि.
बरगंडी मिश्रण (Burgundy mix- ture) – एक मिश्रण, जो कॉपर सल्फेट एवं सोडियम कार्बोनेट (धावन सोड़ा) से बना हो, जिसे फफूंदनाशी के रूप में प्रयोग किया जाए.
बटर कप (Butter cup)-एक पुष्पीय पौधा कुल, जिसे क्रोफुट भी कहते हैं.
क्रेता बाजार (Buyers market)- बाजार की वह स्थिति जहाँ माँग की तुलना में पूर्ति (सप्लाई) की मात्रा अधिक हो.
सह-उत्पाद (By-Products)-किसी मुख्य उत्पाद की उत्पादन प्रक्रिया के दौरान स्वतः प्राप्त गौण उत्पाद, जैसे-गेहूँ उत्पादन में दाने के अलावा भूसा सह-उत्पाद
सी3 पौधे (C3 Plants)-
वे पौधे. जिनमें जल उपयोग क्षमता एवं प्रकाश संश्लेषण (प्रथम स्थायी उत्पाद-फॉस्फो ग्लिसरिक अम्ल) दर दोनों ही कम हों. लेकिन प्रकाश-श्वसन दर अधिक हो. प्रकाश संश्लेषण क्रिया में हो. जैसे दलहनों, एवं तिलहनों में गेहूं, जौ, जई, धान, सरसों, मूँग, उर्द आदि फसले
सी 4 पौधे (C4 Plants) वे जिनमें जल उपयोग क्षमता एवं प्रकाश सश्लेषण दर दोनों अधिक हो. लेकिन प्रकाश श्वसन कम हो, जैसे-मक्का, गन्ना, निलैट्स, चौलाई (प्रथम स्थायी उत्पाद ऑक्जैलो एसीटेट हो).
सी. संस्तर (C. Horizon)- मृदा प्रोफाइल का यह मूल संस्तर है जिसमें पत्थर तथा चट्टान के बड़े-बड़े कण, कठोर पर्व, Fe₂O₃, Al₂O₃ के तत्व होने से लीचिंग नहीं हो पाती
कैल्सीफ्यूज (Calcifuge) – अम्लीय मुदाओं में उगने हेतु उपयुक्त पौधे
कैल्सीफाइट्स (Calciphytes)- पौधे, जिन्हें पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम चाहिए.
केशीय जल (Capillary Water)-यह वह जल है जो मृदा कणों के चारों तरफ गुरुत्वाकर्षण शक्ति के विरुद्ध पतली झिल्ली के रूप में पृष्ठीय तनाव द्वारा अधिशोषित रहता है. यही जल पौधे भूमि से ग्रहण करते हैं.
कैम (सेंचुरी) पौधे [CAM (Century) Plants)-
वे पौधे, जिनमें क्रैसुलिएसन एसिड मैटाबोलिज्म क्रिया हो, जो रेगिस्तानी क्षेत्रों में भी सरस बने रहें: जैसे अनन्नास, नागफनी
कैप्रीफिकेशन (Caprification)-खाने योग्य अंजीर में परागण की विधि, जो कैप्रीफिग से ब्लास्टोफैगा पेन्स, भौरे द्वारा पराग लाना
कार्डिनल वृद्धि ताप (Cardinal Growth Temperature)- तापक्रम की न्यूनतम, इष्टतम एवं अधिकतम सीमाओं के अलावा पादप वृद्धि पर्यावरण के अन्य कारक
कीटभक्षी पौधे (Carnivorous Plants)- कीटनक्षी (Insectivorous) पौधे घट पर्णी.
कैरीओप्सिस (Caryopsis) –अकेली कारपेल से विकसित एक फल, जिसमें फल भित्ति (पैरीकार्प) बीज से जुड़ा हो, धान्य एवं घासों के फल
धनायन विनिमय क्षमता (Cation Exchange Capacity)-
(i) एक मृदा की क्षमता जो विनिमय धनायन के कुल जोड़ का अधिशोषण कर सके
(ii) किसी धनायन की मिली इक्वीवेलेन्ट में वह मात्रा जो किसी मृदा की 100 ग्राम मात्रा में सतही आकर्षण से विद्यमान रहती है. और अन्य धनायनों द्वारा प्रतिस्थापित हो सकती है.
केन्द्रीय बीज प्रयोगशाला (Central Seed Laboratory)- बीज परीक्षण प्रयोग शाला, आई ए आर आई नई दिल्ली, घोषित – केन्द्रीय बीज परीक्षण प्रयोगशाला [स्थापित बीज एक्ट 1966 वर्ग 4 का उपवर्ग (ⅰ))
धान्य (Cereal)-एक घासीय कुल की अनाज फसल जैसे-गेहूं, चावल जई. मक्का, जौ एवं मिलैट (इटली में सीरियल देवी के नाम पर पड़ा ‘सीरियल’ शब्द अर्थात् दाना देने वाली देवी)
प्रमाणित बीज (Certified Seed)- प्रमाणित बीज-ब्रीडर, फाउन्डेशन अथवा रजिस्टर्ड बीज की संतान होती है, जो राज्य बीज फार्म्स या प्रमाणित कृषकों द्वारा पैदा किया जाता है. जिसे आवश्यक आनुवंशिक शुद्धता हेतु रखा जाता है और प्रमाणीकरण संस्था को स्वीकार हो
सिनेमेटोग्राफी (Cinematography)-
सिनेमेटोग्राफ फिल्म्स अथवा गति तस्वीरों के बनाने की कला एवं विज्ञान
अनु-मील्य परागण (Cleistogamy)- जब बन्द पुष्प कलिका में परागण तथा निषेचन सम्पन्न हो जाए.
जलवायीय सूचकांक (Climatic Index)-एक इकाई, जो जलवायु आकड़ों के सघनीकरण को सरल भाषा में दायि (जलवायु सूचकांक ट्रान्स्यू’ज अनुपात: पी/ई)
जलवायु विज्ञान (Climatology)- जलवायु सम्बन्धी ज्ञान (तथ्यों) को बताने वाली विज्ञान
क्लोन (Clone)-
(i) एक ही पौधे की अलैंगिक संततिया, केवल समसूत्री विभाजन से उत्पन्न.
(ii) एक ही पौधे के कायिक प्रवर्धन द्वारा तैयार होने वाले पौधों का समूह
प्रमाणीकृत एजेन्सी (Certifying agency)-किसी बीज किस्म या नोटीफाइड प्रकार के बीजों को प्रमाणित करने वाली सस्था
क्लोथ्सलाइन प्रभाव (Clothesline effect)-बाहरी क्षेत्र से ताप के क्षैतिज स्थानान्तरण को क्लोथ्सलाइन प्रभाव कहते
शीतन हानि (Chilling injury)-कम तापीय घावः जैसे केला में 12-13° C से है. कम पर तथा नीबू वर्गीय फल वृक्षों में 10° C से नीचे
काइमेरा (Chimera)- जिस व्यष्टि के शरीर में, एक से अधिक जीन प्ररूप वाली कोशिकाएं उपस्थित हों.
क्लोरोफिल (Chlorophyll)-एक रासायनिक मिश्रण या यौगिक, जो पौधे की कोशाओं के क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है. प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में सूर्य प्रकाश की ऊर्जा को भोजन में परिवर्तित करता है.
क्लोरोसिस (Chlorosis)- पादप पत्तियों का पीला होना, जो हरे रंगीन पदार्थ के विकास के रुकने के परिणामस्वरूप होता है.
गुणसूत्र (Chromosome) –
(1) केन्द्रक में उपस्थित धागे जैसी संरचनाएं, जो कुछ क्षारीय अभिरंजकों, विशेष रूप से, फ्यूल्गन रिएजेन्ट से गहरा रंग पकड़ती हैं. जीन क्रोमोसोमों में स्थित होते हैं, क्रोमोसोम्स की आकारिकी में कोशा विभाजन के दौरान बहुत अधिक परिवर्तन
2) कोशिका विभाजन के समय स्पष्ट होने वाली केन्द्रक की एक रचनात्मक इकाई
क्रोमोसोम युग्मन या सिनेप्सिस (Chromosome Pairing or Synapsis)- अर्द्धसूत्रण के दौरान समजात गुणसूत्रों का एक-दूसरे से लम्बवत् संबद्ध होना गुणसूत्र युग्मन प्रथम पूर्वावस्था की युग्मसूत्र उप अवस्था में होता है.
कोल्ट (Colt)-गधे के अवयस्क को कोल्ट कहा जाता है.
ससंजन (Cohesion)-अणुओं का एक दूसरे के लिए खिंचाव, हाइड्रोजन जुड़ाव द्वारा
कोलियोप्टाइल (Coleoptile)-प्ट्यूम्यूल एक शीथ से घिरा हुआ-कोलियोप्टाइल कहलाता है.
सामुदायिक (Community)-किसी स्थान पर रहते हुए सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मनुष्य द्वारा बनाए गए समूह. जिसमें व्यक्ति, नेता एवं संगठन सम्मिलित हो.
सहचर फसल (Companion crop)- अधिक उपज/लाभ प्राप्त करने के लिए किसी अन्य फसल अथवा फल वृक्ष के साथ उगाई गई फसल
प्रतिस्पर्धात्मक (प्रतियोगी) गुणांक [Competitive Coefficient (c)]-किसी मिश्रित शस्यन (मिश्रण) (मिश्रण) की दी गई स्पीशीज के ‘रिलेटिव क्राउडिंग कोइफिशिएन्ट (R.C.C.)’ का यह अनुपात होता है जो मिश्रण में सभी फसलों के आर सी सी के जोड़ के साथ हो: यह अधिक विश्वसनीय माप है.
प्रतियोगी (प्रतिस्पर्धात्मक) सूचकांक (Competitive Index)- यह शब्द इन्टर क्रॉपिंग में प्रयोग होता है जो दो फसलों के मध्य प्रतियोगी सूचकांक दर्शाता है. जब एक से अधिक सूचकांक है तो उनमे हानिप्रद सहयोग होना जिसमे प्रत्येक स्पीशीज़ के लिए दो इक़्विलेन्स फैक्टर्स ज्ञात किये जाते है
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