हरित ग्रह प्रभाव (ग्रीन हाउस प्रभाव) क्या है green house effect

Green house

 हरित ग्रह प्रभाव (ग्रीन हाउस प्रभाव)  green house effect

Green house

ग्रीनहाउस प्रभाव Green house Effect एक प्रकार की प्रदूषण प्रणाली है जिसका मुख्य कारण वायुमंडल में विभिन्न ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में वृद्धि है। इन गैसों में प्रमुख रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मेथेन (CH4), नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) शामिल हैं।
 
ग्रीनहाउस प्रभाव Green house Effect की प्रक्रिया निम्नलिखित है:
  1. सूर्य से आने वाली सोलर रेडिएशन में भौतिकता के कारण वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की राशि बढ़ जाती है।
  2. इन गैसों का मुख्य कार्य होता है कि वे सूर्य की किरणों को प्रतिरोधित करते हैं और उन्हें पृथ्वी के पास ही रखते हैं, जिससे पृथ्वी की तापमान बढ़ती है।
  3. इस प्रक्रिया के कारण पृथ्वी पर सतत तापमान वृद्धि होती है, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव दिखाई देते हैं।

ग्रीनहाउस प्रभाव  के परिणामस्वरूप, पृथ्वी का तापमान बढ़ता है जिससे जलवायु परिवर्तन होता है, जैसे कि जलों की स्तर में वृद्धि, बर्फ की स्थिति में परिवर्तन, मौसम पैटर्न में बदलाव आदि। यह परिवर्तन जीवों और पारिस्थितिकी पर बुरे प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे कि बढ़ते हुए तापमान के कारण जीवों के प्राणीयत्रा पर प्रभाव पड़ना, जलवायु परिवर्तन से संबंधित प्राकृतिक आपदाएं बढ़ना आदि इस प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए, हमें विकास के साथ ही पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सतत प्रयास करने की आवश्यकता है। यह समर्थन, सशक्तिकरण, ऊर्जा संवाहन, वनस्पतियों की रक्षा आदि के माध्यम से किया जा सकता है।

हरित ग्रह प्रभाव (ग्रीन हाउस प्रभाव)- पृथ्वी पर हरित ग्रह गैसों के कारण तापमान बढ़ने को हरितग्रह प्रभाव कहते है। हरित ग्रह गैस :- CO2, CH4, CFC, N2O ओजोन व जलवाष्प।

वाधिक नुकसान – (CFC > N2O > CH4> CO2)

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